Top 5 वेल्डिंग तकनीकें जो हर वेल्डर को जरूर आनी चाहिए
जानिए 5 सबसे जरूरी वेल्डिंग तकनीकें जो हर वेल्डर को आनी चाहिए। ARC, MIG, TIG जैसी वेल्डिंग के बारे में आसान हिंदी में पूरी जानकारी।
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Top 5 वेल्डिंग तकनीकें जो हर वेल्डर को जरूर आनी चाहिए
अगर आप वेल्डिंग के क्षेत्र में काम करते हैं या एक प्रोफेशनल वेल्डर बनना चाहते हैं, तो कुछ बेसिक और एडवांस वेल्डिंग तकनीकें आना बहुत जरूरी है। अलग-अलग धातुओं, प्रोजेक्ट्स और कंडीशंस के हिसाब से वेल्डिंग की तकनीक भी बदलती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे 5 सबसे जरूरी वेल्डिंग तकनीकों के बारे में, जिन्हें हर वेल्डर को सीखना और समझना चाहिए। ये तकनीकें ना सिर्फ आपके काम को आसान बनाएंगी, बल्कि आपकी कमाई और करियर के मौके भी बढ़ा सकती हैं।
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1. ARC Welding (आर्क वेल्डिंग)
क्या है:
इसे Stick Welding भी कहा जाता है। इसमें इलेक्ट्रोड और मेटल के बीच आर्क बनाकर वेल्डिंग की जाती है।
क्यों जरूरी है:
सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली तकनीक
Outdoor काम में असरदार
मशीन सस्ती और चलाना आसान
कहां काम आती है:
ग्रिल, गेट, स्ट्रक्चरल वर्क
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2. MIG Welding (मेटल इनर्ट गैस वेल्डिंग)
क्या है:
इसमें वायर फीडर के जरिए इलेक्ट्रोड एक गैस शील्ड के साथ मेटल को जोड़ता है।
क्यों जरूरी है:
साफ, मजबूत और सुंदर वेल्ड
ऑटोमेटेड काम में फायदेमंद
तेजी से काम होता है
कहां काम आती है:
ऑटोमोबाइल, मशीनरी, DIY प्रोजेक्ट्स
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3. TIG Welding (टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग)
क्या है:
इस तकनीक में नॉन-कंज्यूमेबल टंगस्टन इलेक्ट्रोड और फीलर मटेरियल का इस्तेमाल होता है।
क्यों जरूरी है:
बहुत ही साफ और कंट्रोल्ड वेल्डिंग
पतली शीट या डेकोरेटिव मेटल्स के लिए बेस्ट
प्रोफेशनल स्किल्स का सबूत
कहां काम आती है:
स्टेनलेस स्टील, एल्युमिनियम वेल्डिंग
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4. Spot Welding (स्पॉट वेल्डिंग)
क्या है:
यह एक रेसिस्टेंस बेस्ड वेल्डिंग तकनीक है जो दो पतली मेटल शीट्स को आपस में जोड़ने के लिए उपयोग होती है।
क्यों जरूरी है:
कम समय में जोड़ने की क्षमता
इलेक्ट्रिक पावर से काम होता है
ऑटो इंडस्ट्री में बहुत ज़्यादा उपयोग
कहां काम आती है:
कार बॉडी, घरेलू उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स
5. Gas Welding (Oxy-Acetylene वेल्डिंग)
क्या है:
Gas Welding को Oxy-Acetylene Welding भी कहा जाता है। इसमें ऑक्सीजन और एसीटिलीन गैस को मिलाकर एक उच्च तापमान वाली लौ (Flame) तैयार की जाती है, जिससे धातु को पिघलाकर जोड़ा जाता है।
क्यों जरूरी है:
यह एक प्राचीन लेकिन विश्वसनीय वेल्डिंग तकनीक है
यह बिजली पर निर्भर नहीं होती, इसलिए ग्रामीण या दूरस्थ इलाकों में उपयोगी
इस तकनीक से वेल्डिंग के साथ-साथ कटिंग भी की जा सकती है
यह तकनीक सीखने से फ्लेम कंट्रोल और मेटल बिहेवियर को बेहतर समझ मिलती है
फायदे:
पोर्टेबल और सस्ते उपकरण
Thin sheet और ट्यूब वर्क में बहुत असरदार
Low investment से छोटे वर्कशॉप के लिए उपयुक्त
कमियां:
Flame का तापमान उतना high नहीं होता जितना ARC या TIG में
High precision काम के लिए सीमित उपयोग
कहां काम आती है:
पाइप लाइन रिपेयर
बाइक/साइकिल फ्रेम
छोटे लोहे या ब्रास के पार्ट्स की मरम्मत
स्कूल या
कॉलेज वर्कशॉप में बेसिक ट्रेनिंग के लिए